मुझे क्रोध आता है


मुझे क्रोध आता है

जब अनायास कोई जीवन में आपके अवरोध लाता है

मेरा भी खून खौल जाता है

जब हंसती खेलती दुनिया में मेरी कोई आग लगाता है

मैं यूँ तो चुप रहता हूँ

इन घटनाओं में नहीं करता बाद बिवाद

इसे लोग मेरी कमजोरी समझते हैं

लेकिन वक्त आ गया है बताना है तुमको

अगर युहीं बार बार उकसाओगे तुम

तो निश्चय ही स्वयं banaooge अपने जीवन को जहन्नुम .............


Comments

Popular posts from this blog

सामूहिक निषेध

संघर्ष नहीं जीवन संग हर्ष है

बरगद के पेड़ से ज्ञान जीवन का लीजिये