दुखती रग

मैं लिखता हूँ आपसे संवाद के लिए 
और लिखता हूँ दर्द से निजात के लिए 
कलम उठता हूँ मैं, होशो हवास में 
कागज़ पे भटकता हूँ सुकून के तलाश में 
कभी कहानी, काव्य कभी , एक सूक्ति है
सहारा शब्दों का लेता हूँ , जब कोई रग जो दुखती है 
 

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