प्रखर राष्ट्रवाद Tribute to Shyama Prashad Mukharjee
मुखर्जी जी के सम्मान के लिए मेरे मुख की अर्जी
प्रखर राष्ट्रवाद की परिकल्पना अधूरी है
जब धर्म पंथ आरक्षण राजनीति की धुरी है
क्या फर्क पड़ता है की दल कौन है, कौन दलपति
योग्यता बने आधार संभव है तब ही सद्गति
महिला पुरुष दिव्यांग बचे बूढ़े या हो नौजवान
समानता ही होगी इस महापुरुष को सच्चा सम्मान
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