22 February, 2018

डिग्री













पहुँच कर शीर्ष पर मानो की झंडा गाड़ भी आये 
अनेको दाव भी जीते ,बाज़ी मार भी आये 
किताबी ज्ञान से परे भी दुनिया थी, रहे अंजान 
दिखाते रह गए डिग्री और बस कागज़ी प्रमाण 
बस एक भूल हो गयी , समझ का ही फेरा था 
जिधर समझे की रौशन है , अँधेरा ही अँधेरा था