कभी खामोश रहता हूँ कभी मैं गुनगुनाता हूँ
भीड़ में अक्सर तनहा ख़ुद को मैं पाता हूँ
तेरा आना मेरे जीवन में है संगीत की तरह
तेरे आने की आहट से मैं हरदम मुस्कुराता हूँ
तू जो आयी है तो जीवन में खुशिया भी तो आयी है
तेरा यूँ फिर चले जाने से मैं घबरा सा जाता हूँ
प्यार तुमको भी है मुझसे मुझे एहसास है इसका
बताने से तो तुम मुझको क्यूँ इतना कतराती हो
मैं तेरा हूँ तू मेरी है येही सच है बताना है
तेरे संग ही तो अब मुझको अपना दुनिया बसाना है .......................