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31 March, 2009

जब तुम्हारा frustration बढ़ता है ........

जब तुम्हारा frustration बढ़ता है
तुम पागल हो जाते हो
और फिर शुरू होता है तुम्हारे
अंहकार का नंगा नाच
कीचड़ उछालते हो दूसरो पे
क्युकी तुम्हारी सोंच संकीर्ण है
कभी कभी हिंसक हो जाते हो
वस्तुतः तुम समाज के मस्तक पर कलंक हो
जल्दी अपना बोरिया बिस्तर समेटो
और हमें चैन की साँस लेने दो
हाँ और अपने पालतू कुत्तों को भी साथ ले जाना
ये वो है जो ऐसे तो तलवा चाटते हैं
मौंका मिलने पे मालिक को ही काटते हैं ......

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