कोई कुछ भी कहे,करे काना फुसी , या फिर चुगली,
या आरोप लगाए, निंदा करे ,उठाये जब उंगली
याद रहे विश्वास तुम्हारा युहीं कोई न छल जाए
वही सही सुचना है जो परख तीन पर चल जाए
पहली परख सच है या मिथ्या, होना बहुत जरूरी है
दूसरी क्या कोई अच्छाई इस सुचना की धुरी है
तीसरी किसी काम की है ,क्या इसमें कोई हित है
नहीं मिले उत्तर तो समझें ,इसमें स्वार्थ निहित है