जब तुम्हारा frustration बढ़ता है 
तुम पागल हो जाते हो 
और फिर शुरू होता है तुम्हारे 
अंहकार का नंगा नाच 
कीचड़ उछालते हो दूसरो पे 
क्युकी तुम्हारी सोंच संकीर्ण है 
कभी कभी हिंसक हो जाते हो 
वस्तुतः तुम समाज के मस्तक पर कलंक हो
जल्दी अपना बोरिया बिस्तर समेटो 
और हमें चैन की साँस लेने दो 
हाँ और अपने पालतू कुत्तों को भी साथ ले जाना 
ये वो है जो ऐसे तो तलवा चाटते हैं 
मौंका मिलने पे मालिक को ही काटते हैं ......
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