19 August, 2014

रिश्ते


 
 
 
 
 
 
 

मतभेद हो तो हो, मनभेद हो न पाए

कोई भी ग़लतफ़हमी इतना द्वेष न जगाये

की बात छोटी भी हो, तो तिल का ताड़ कर दो

नाजुक जो होते रिश्ते उन पर प्रहार कर दो

धागा जो प्रेम का है उसे बार बार तोड़ो

विश्वास के गर्दन को इस तरह न मरोड़ो

की अंतिम कड़ी जुड़ने की इस कदर टूट जाए

जुड़ना तो बहुत दूर गाँठ भी न पड़ने पाए ..........

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