28 March, 2017

कर्ण अर्जुन

तुम्हारे शब्द मेरे  घाव को मरहम जो दे देते 
तो ये जख्म आज यूँ तो नासूर न  होता 
इतिहास के पन्नो में फिर कोई अर्जुन 
अपने सहोदर कर्ण से तो दूर न होता 




No comments:

Post a Comment

Apna time aayega