जीगर मा बड़ी आग है ,तो बीडी जलालो भाई
किसी के खुशियों को क्यूँ जलाते हो
जख्म भी देते हो नासूर भी बनाते हो
और फिर बाद में मलहम भी लगाते हो
पर इस क्रम में कोई धैर्य खो देता है
किसी का अंतर्मन रो देता है
कोई मौन हो जाता है कोई गला फाड़ चिल्लाता है
याद रहे कभी हमारा भी वक्त आएगा
तब देखना है की तुम्हारे जख्मो पर कौन मलहम लगायेगा...........
28 March, 2010
25 March, 2010
Appreciating love as it is…
Love has a plethora of meaning attributed to it। It’s the driving force behind life. But why the essence of love is missing in our life can be related to the fact that we are constantly being taught to love others, love our neighbors ,friends, family and country but the missing link is the very fact that none of the teaching goes to propagate the idea that love yourself first. It’s important here that there is nothing like first love or last love but it’s a continuum of the seed that goes on transforming like a banyan tree. Love slowly graduates from conditional to unconditional and transcends to bliss. The entire cosmos is under the influence of this divine force. Love is what you relate to passionately it may be animate or inanimate but it’s not a relationship indeed.
http://www.youthkiawaaz.com/2010/03/appreciating-love-as-it-is/
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Scientoonics: Communicating science through cartoons
Communicating science in the language of the masses has been a challenging endeavor for science communicators. It becomes difficult to conceptualize the complexity that is inherent in science down to a medium where the content makes an
http://www.youthkiawaaz.com/2010/03/scientoonics-communicating-science-through-cartoons/
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24 March, 2010
बर्बादी के बिग बाजार में सब कुछ लिया है लुट ..........
बर्बादी के बिग बाजार में सब कुछ लिया है लुट
तुम कहते हो महा सेल है सबको मिलता
छुट छुट यहाँ मति भ्रम मात्र है कुछ नहीं मिलता
सस्ता बड़ा कठिन है शोध छात्र का टुटा फुटा रस्ता
जो चलता इस कठिन डगर पर सचमुच क्रांतिकारी
है शोध यहाँ शोषण पर्याय है जीने की लाचारी है
ये दिल मांगे मोर है
प्यार
इश्क
और मोहब्बत
इनमे से कोई नहीं
जवाब इनमे से कोई नहीं
मेरे बर्बादी का कारण जवाब कुछ और है
बर्बादी के दौर में ये दिल मांगे मोर है
इश्क
और मोहब्बत
इनमे से कोई नहीं
जवाब इनमे से कोई नहीं
मेरे बर्बादी का कारण जवाब कुछ और है
बर्बादी के दौर में ये दिल मांगे मोर है
गजोधर अगर रिसर्च में होते ..........
गजोधर अगर रिसर्च में होते , तो उनके बॉस होते राजू
और सोंचिये क्या होता जब दोनों बैठते आजू
बाजू गजोधर कहते सर हर पब्लिकेशन में आप मेरा नाम लेते
हो पर मुझे phd की डिग्री नहीं देते
हो राजू कहते बेटा डिग्री लेके क्या करोगे
एक और educated बेरोजगार बन के मरोगे
इस से अच्छा है मेरे प्रयोग जारी है
कोई न कहे मरने वाला गजोधर डिग्री धारी है ....................
और सोंचिये क्या होता जब दोनों बैठते आजू
बाजू गजोधर कहते सर हर पब्लिकेशन में आप मेरा नाम लेते
हो पर मुझे phd की डिग्री नहीं देते
हो राजू कहते बेटा डिग्री लेके क्या करोगे
एक और educated बेरोजगार बन के मरोगे
इस से अच्छा है मेरे प्रयोग जारी है
कोई न कहे मरने वाला गजोधर डिग्री धारी है ....................
21 March, 2010
मैं एक शोध छात्र
कोल्हू का बैल , पिंजड़े में बंद तोता , या फिर मेढक कुछ भी बनाता
मुझको पर प्रयोगशाला में अपना वजूद समझ नहीं आता है
ये कैसा संगीत तू मुझसे बजवाता है जिसमे सुर है न ताल है
श्रोता और संगीतकार दोनों बहाल है
हाँथ में test tube और ये सफ़ेद apron
जैसे खुद के मौत पे मेरा पांच वर्ष का मौन
मुझको पर प्रयोगशाला में अपना वजूद समझ नहीं आता है
ये कैसा संगीत तू मुझसे बजवाता है जिसमे सुर है न ताल है
श्रोता और संगीतकार दोनों बहाल है
हाँथ में test tube और ये सफ़ेद apron
जैसे खुद के मौत पे मेरा पांच वर्ष का मौन
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