जीगर मा बड़ी आग है ,तो बीडी जलालो भाई
किसी के खुशियों को क्यूँ जलाते हो
जख्म भी देते हो नासूर भी बनाते हो
और फिर बाद में मलहम भी लगाते हो
पर इस क्रम में कोई धैर्य खो देता है
किसी का अंतर्मन रो देता है
कोई मौन हो जाता है कोई गला फाड़ चिल्लाता है
याद रहे कभी हमारा भी वक्त आएगा
तब देखना है की तुम्हारे जख्मो पर कौन मलहम लगायेगा...........
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