कोल्हू का बैल , पिंजड़े में बंद तोता , या फिर मेढक कुछ भी बनाता
मुझको पर प्रयोगशाला में अपना वजूद समझ नहीं आता है
ये कैसा संगीत तू मुझसे बजवाता है जिसमे सुर है न ताल है
श्रोता और संगीतकार दोनों बहाल है
हाँथ में test tube और ये सफ़ेद apron
जैसे खुद के मौत पे मेरा पांच वर्ष का मौन
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
-
जब गिरती है कोई गगन चुम्बी इमारत तब साथ गिरते हैं आस पास के मकान भी और धुल चाटती है ऐसे में ईमानदारी की झोपड़ी इसे सामूहिक निषेध कहते हैं इसी...
-
जीवन एक संघर्ष है मैंने सुना है अनेको के मुख से और इस दौड़ में इंसान दूर हो जाता है सुख से शेष रह जाता है तनाव और अस...
-
जब भी अकेलापन आपको सताएगा परिवार ही उस समय पे काम आएगा रह जायेंगी उपलब्धियाँ दीवार पर टंगी जब मायाजाल आपको ठेंगा दिखायेगा...
No comments:
Post a Comment