कोल्हू का बैल , पिंजड़े में बंद तोता , या फिर मेढक कुछ भी बनाता
मुझको पर प्रयोगशाला में अपना वजूद समझ नहीं आता है
ये कैसा संगीत तू मुझसे बजवाता है जिसमे सुर है न ताल है
श्रोता और संगीतकार दोनों बहाल है
हाँथ में test tube और ये सफ़ेद apron
जैसे खुद के मौत पे मेरा पांच वर्ष का मौन
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