30 May, 2010

रोया क्यूँ


रोया क्यूँ
देस विकास के पथ पर है
मल्टीनेशनल है
बर्गेर है पिज्ज़ा है
शोपिंग माल हैं
और है केबल टीवी
शायद तुम दुखी हो
क्यूंकि माल के पीछे है झोपड़ी
भूख के पीछे राजनैतिक खोपड़ी
पिज्ज़ा रोटी दाल क्यूँ नहीं
क्यूँ विकास आंकड़ो में उलझी है
और भूख सच्चाई है
शायद यही कारण होगा
तेरी आँख भर आयी है

1 comment:

  1. aapki roya kyu padkar mujhe 8 saal pahle ki "peps pi aur burgar kha pepsi pee aur burgar kha yaad aa gayi"
    badiya

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