आज़ादी के जश्न के आयाम को समझो
जो मर मिटे उनके बलिदान को समझो
समझो की माँ भारत है , संतान हम सभी
उस सभ्यता महान के प्राण हम सभी
चलो की साथ कोई अपना न पराया
सब ने जो मिलके एक कदम भी जो बढ़ाया
बढ़ेंगे असंख्य कदम देश के विकास में
बिलम्ब हो न कोई अब इस प्रयास में
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