13 March, 2015

तथास्तु


















तथास्तु

सुना है मैंने असंख्य मुख से 
लेता है उपरवाला परीक्षा 
और सुना है ये भी , हमारा क्या है 
रखे वो जैसे ,उसकी हो इक्षा 
​परीक्षा नहीं अपितु स्वइक्षा है 
जो सोंचते हो, वही है मिलता 
विचारों के प्रबल नीव पर ही 
कोई कमल का है फूल खिलता
है उसकी ललक, या विषय वस्तु है 
वो कृपा जो करदे तो तथास्तु  है 

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