मुझे बस तुम्हारा आशीर्वाद चाहिए 
नचिकेता को यम से जो ज्ञान था मिला  
मुझे तुमसे वैसा ही संवाद चाहिए 
मैं न प्रह्लाद हूँ , न अर्जुन सा गुणी
न हूँ जैसे थे ज्ञानि ही नारद मुनि 
है विनती अनुभव हो वो सत्य शाश्वत 
स्वीकार करो मेरा तुम मौन दंडवत  
No comments:
Post a Comment