जो भूख जो लाचारी
को तुम दिखा रहे हो
जो गन्दी बस्ती को तुम
भारत बता रहे हो
ये दंभ है तुम्हारा
की श्रेष्ठ तुम हो सबसे
और है ये अहंकार की
अलग हो इस जग से
तो सुनो बात मेरी
की जाग रहा भारत
नंगापन तुम्हारा
तुम्हारी ये शरारत
क्या लगता है की कब तक
करोगे तुम मनमानी
इतहास तुम बनोगे
इस पल की हम कहानी ................
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