25 October, 2009

स्लम डोग


जो भूख जो लाचारी


को तुम दिखा रहे हो


जो गन्दी बस्ती को तुम


भारत बता रहे हो


ये दंभ है तुम्हारा


की श्रेष्ठ तुम हो सबसे


और है ये अहंकार की


अलग हो इस जग से


तो सुनो बात मेरी


की जाग रहा भारत


नंगापन तुम्हारा


तुम्हारी ये शरारत


क्या लगता है की कब तक


करोगे तुम मनमानी


इतहास तुम बनोगे


इस पल की हम कहानी ................





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