31 October, 2009

एक बार मेरे मनमीत मेरे ये गीत को देना स्वर .........



एक बार मेरे मनमीत

मेरे ये गीत को देना स्वर

जो शब्द मेरे हैं

ह्रदय नाद हैं शब्द ये बड़े प्रखर

थी तरंग जो ह्रदय पटल पर

फुट रही है आज

भाव पवित्र जो छिपे कहीं थे

दो उनको आवाज़

पाकर तेरे सानिध्य

मेरे ये गीत अमर हो जायेंगे

खोने को मेरा क्या है

तुम को खो कर जो पायेंगे .....................


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