भीड़ से पृथक
चलना अकेले चाहिए
कोई न साथ आये ,मर्जी उनकी है
आप तो अफ़सोस न मनाइये
गलत दिशा में भीड़ अगर आगे हो
न समझो खुद को तुम बड़े अभागे हो
रेंगते चलते या फिर दौड़ते
करलो स्वयं को अलग तुम इस होड़ से
चलो सही दिशा में मन शांत कर
'एक्ला चलो' टैगोर के सिद्धांत पर
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