06 July, 2018

नमामि गंगे


सारांश ढूंढ़ता रहा मैं उस कहानी से
आचमन न कर सका गंगा के पानी से
गंगोत्री से लेकर गंगासागर तक
हालत माँ की देख कर भीगे रहे पलक 
गंगा तो मैली हो गयी सबके हाँथ रंगे हैं
बस युहीं रहो कहते की नमामि गंगे है



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