07 July, 2009

गुरु तुम पूर्ण माँ हो


गुरु पूर्णिमा पर अन्धकार का दमन

गुरु के चरणों में मेरा नमन

तुम ब्रह्म हो और विष्णु भी

तुम ही महेष हो

मेरे चैतन्य के केन्द्र में

तुम विशेष हो

तुम्हारे सान्धिय में मेरा विकास है

होना तुम्हारा जैसे एक खुला आकाश है

गुरु तुम पूर्ण माँ हो

गुरु पूर्णिमा पर मेरा स्वीकार करो दंडवत प्रणाम

तुमने ही दिया मेरे जीवन को नई परिभाषा नया आयाम ...........




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