
गाँधी जी 
आप तो चले गए 
हमने आपको फोलो किया 
लोगों ने दुसरे गाल पे भी मारा 
और गालिओं से भी लताड़ा 
पर एक बात मन में है 
आप बताइए लोग हमारे घर में
घुस कर मार रहे हैं 
और हम अहिंसा का झंडा गाड़ रहे हैं 
वो कहते हैं ये जेहाद है 
बापू आप कहते हैं हम आजाद हैं 
तो बताइए न एक बार बापू आप आइये न 
देखिये खून से लथपथ लाशें 
और बताइए कुत्ता गर पागल हो जाए
तो उसे गोली मारें 
या पहनाएं आदर्शों की माला 
बापू कुछ बोलिए 
कहीं सब्र की बाँध टूट न जाए
गुलिस्ता ये अपना लुट न जाए 
बापू मैं इंतज़ार करूँगा 
२ अक्टूबर में बिलम्ब है 
पहले आइये 
गांधीवाद हो या गांधीगिरी 
देश को बचाइये 
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