तुम हो ये महत्वपूर्ण है
और लगता है रहने से तुम्हारे
समस्याएं विलीन हो जाती है
जो धुल पड़ गए हैं एहसासों पर
वो रंगीन हो जाती है
सारी यादें ताज़ा तरीन हो जाती है
और फिर मन करता है फैला कर
बाहों को करूँ तुम्हारा अभिनन्दन
तुम्हारे इंतज़ार में मैं खड़ा अकिंचन .....
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