पंख फैलाके जो उड़ने का ईरादा हो
तो फिर आइये गरूड़ को अपना गुरु माने
उनमुक्त उड़ने का अलग है कायदा क़ानून
जो ट्रैफिक के रूल्स हैं गुरुदेव से जाने
बत्ती न हरी लाल है, न जेब्रा क्रोस्सिंग
न मिलेंगे आपको हवलदार लल्लन सिंह
कोई हाँथ न दिखलाये, चलान न काटे
कोई मजबूर हो के इनको हरी नोट न बांटे
प्रतिस्पर्धा नहीं कोई , न कोई होड़ है
पदचिन्ह खोजना नहीं , न कोई मोड़ है
होसले की उड़ान है ,सपनो के आकाश में
मिले आपको आनंद प्रथम प्रयास में
स्वागत है आपका देखिये दृश्य विहंगम
एक उड़ान पुनः हो भुला के सारे ग़म ….
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