07 August, 2013

जन गन मन

नीयत निष्ठा नेतृत्व और नियंत्रण का अभाव
हमारे सरकार का यही तो है स्वभाव
घटना होती है, खेद व्यक्त होता है
होती है कठोर निंदा
पर कोई जिम्मेदार नहीं ,ना ही कोई शर्मिंदा

अपने सीमाओं के रक्षा में वचनबद्ध
उस सैनिक का जीवन
तुम्हारे लिए  मात्र एक अंक है
और तुम्हारी संवेदन शुन्यता
भारत माँ के माथे पे कलंक है

सुरक्षा से समझौता
संस्थाओं का दुरूपयोग
और अंधाधुंध लूट
ऐसे में  प्रजातंत्र पर
तुम्हारी आस्था अटूट,
के स्वांग से जारी डेमोक्रेसी का ह्रास एवं पतन
कैसे गाऊं मैं अब ´जन गन मन´











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