मेरे भी अंदर मचलता है
कहीं कोई आग है ,
जो मेरे सीने में भी जलता है
हम आज़ाद है पर ये ,कैसी आज़ादी है
हर एक स्वर प्रबल है जो अलगाववादी है
पार्टी के नेता कई , देश का कहाँ कोई
हमारे रहनुमाओं ने कुछ ऐसी बीज़ थी बोई
हम आज भी कुंठित हैं, परेशान हैं
क्यूंकि गलत हांथों में देश का कमान है
कैसे कहें की अच्छा सारे जहान से
वो देश है अपना हिन्दुस्तान हैं …
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