01 August, 2013

प्रखर राष्ट्रवाद

इतिहास गांधी नेहरु के परे
भी है इस देश में
कोई सपूत था यहाँ
वल्लभ भाई के भेष में

कहने को प्रजातंत्र है
सोंचो तो तानाशाही है
उनके हर एक फैसले में
अपनी ही तबाही है

अलगाववाद हावी है
राजनैतिक अवसरवाद है
प्रासंगिक आज भी
सरदार का प्रखर राष्ट्रवाद है





















         






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