06 August, 2013

गरीबी वस्तुतः मानसिक अवस्था है

बस युहीं मैंने बोल दिया
की गरीबी वस्तुतः मानसिक अवस्था है
और जो अधिकृत सरकारी व्यवस्था है
उस में कहाँ गरीबी की गुंजाइश है
मेरी तो बस एक ही ख्वाइश है
मेरे खानदान ने देश पे सदैव राज किया है
क्यूंकि गांधी के आदर्शों से हमें क्या लेना 
हम तो उनके नाम की खाते हैं
सिर्फ वादों से भारत निर्माण करते हैं और 
हर पांच वर्ष में हम नया भारत बनाते हैं

क्या हुआ जो रोटी नहीं है
पिज़्ज़ा है बर्गर है मल्टीप्लेक्स है मॉल है
और तुम कहते हो गन्दा माहौल है
कभी 10 जनपथ आओ और देखो
वहीँ से हम भारत निर्माण करते है
विकास के इस दौर में हमारे  हाँथ
अब आम आदमी के गिरेबान तक बढ़ते हैं





 

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