हर मोड़ सीखती है जीवन के कुछ नियम 
कुछ खट्टी मीठी यादें , कुछ आड़ी तीर्क्षी क्रम 
दुनिया विकल्पों की खुलती है बार बार 
आजादी चयन की , तुम्हारा ही अधिकार 
हर एक पल जो बीतती इतिहास हो जाती 
जो पल हमारे पास न , भविष्य कहलाती 
जो अंतराल बीच का है उसी का महत्व 
उस अन्तराल में छीपा जीवन का सार तत्व 
मेरा जो संचित अनुभव वो कहता है बस येही 
जो है हमारे हांथ वो ये पल और कुछ नहीं 
तो मनको ज़रा बतादो कलाबाजी कम कर 
हर बात उठती वहां तो हामी न भरे 
मैं ढूँढता हूँ मौन में जीवन के सार को 
आकर देता हूँ मैं उसी के विचार को 
उसकी हो इक्षा पुरी , मेरा भी लक्ष्य है 
मेरे जीवन में निहित इश्वर प्रत्यक्ष है 
