संघर्ष मेरा है 
पर निष्कर्ष में उसका योगदान है 
मेरी अभिव्यक्ति के हर एक पहल 
में व्याप्त वही सर्वशक्तिमान है 
मेरी जिन्दगी मोहताज़ नही 
तुम्हारे मापदंड और पैमाने का 
रूह आजाद है मेरी 
कोशिश न करना मेरी सोयी शक्ति जगाने का 
तुम्हारे ललकारने से युद्घ करता नही मैं 
हिजडों से मैं नही लड़ता 
मरी हुई शेर के पूंछ का बाल काट कर दिखाने से तुम 
शुर वीर  नही कहलाओगे 
जीवन के रणभूमि में पाखण्ड कर कैसा शौर्य पाओगे ..................
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