इश्वर ने इंसान बनाया 
या इश्वर स्वयं इंसान बना 
रोचक प्रश्न है 
अव्यक्त को व्यक्त करने का 
उसका प्रयास अतुलनीय है 
और जिस प्रकार हजारों पुष्प 
बाग़ बनाते है 
इश्वर ने संसार की रचना की 
और सुनिश्चित किया की हर फूल खुले और खिले 
हर जो व्यक्त रचना है उसे अभिव्यक्ति का विस्तार मिले 
फूलों में कहाँ होती सुपेरिओरिटी काम्प्लेक्स 
वो तो इंसान के दिमाग की देन है 
इश्वर के बाग़ में हर फूल खिलने को बेचैन है 
इस अव्यक्त को व्यक्त करने और अभिव्यक्त करने वाले
चित्रकार को मेरा कोटि कोटि प्रणाम है 
एहसास मुझे है चैतन्य का कण कण में बसा राम है .............
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