03 May, 2009

चलो कुछ कमेन्ट करते हैं
लोगों को नीचा दिखायेंगे
कुछ अपशब्द बोलेंगे
और कटु वचन का करें भरपूर प्रयोग
क्यूंकि कहाँ है कोई नैतिक आयोग
झूठ खून में है और पाखंड पहचान मेरी
मेरे वजूद का आधार है संस्कारों की हेरा फेरी
सुडो बुद्धिजीवी का चादर डाले
नित नए विवादों को जन्म देना में मैं माहिर हूँ
अपने पाखंडी प्रवृति के लिए जगजाहिर हूँ
हॉबी है मेरी दूसरो पर परजीवी बन उसके अस्तित्व को मिटाना
मुझे चाहिए नए होस्ट जिससे निरंतर मिले मुझे खाना
मेरी कारगुजारियों से त्रस्त लोगों ने किट नाशक का जो किया प्रयोग
मेरा अस्तित्व पड़ा खतरे में मुझे ही लगा भयंकर रोग
मेरी इस आदत से मेरे सारे दोस्त छुट गए
मैं अकेले रह गया आंसू बहाते
अब लोग थूकते हैं मुझपर आते जाते

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