अर्जुन भी घबराया था देख कर
की युद्घ अपनों से ही करना है
और तब कृष्ण ने जो समझाया
वही उवाच कालांतर में गीता कहलाया
मैं भी आज का अर्जुन कृष्ण को तलाश रहा हूँ
जीवन के युद्घ भूमि पर मेरा सारथि न होने पाए मेरा विचलित मन
हे कृष्ण कब होगा तुम्हारा आगमन ................
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