मेरा एक दोस्त नपुंसक है
पर उसे भी जीने का हक़ है
पर मर्यादा से परे लोगों का अपमान
और फिर बन जाना बिल्कुल अनजान
आग लगाना उसके जीन में है
मौजूदगी उसकी हर सीन में है
हम उसे अमर सिंह कहते हैं
क्यूंकि साथ उसके जो भी रहते हैं
उन्हें पहले परजीवी बनातें हैं
और फिर उनके बर्बादी पर भोज खातें हैं
इनके अन्दर का जानवर कही आपको न बनाये शिकार
बच के रहिये नही तो जल्द लूट जाएगा आपका घर बार ...........
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