कोरी उदासी मन में है , और क्यूँ है खालीपन
इस जदोजहद में कहाँ , खो गए मेरे मन
दिल की भडास खुल के आप निकलते रहे
मन में नफरत के कुत्ते पालते रहे
आदत था आपका कीचड़ उक्षालना
वजूद जो छलनी करे, वो तेजाब डालना
नाको तले चबाये चना चाहते थे आप
पर क्या पता था थोथी अंहकार आपकी
उत्तरे गी सरे आम इज्ज़त जनाब की
मुझे प्रखर बिस्वास उसके इन्साफ की .......................
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