कंधा चुराते चलना
करना बयानबाजी
खेद शोक व्यक्त करना
कहना जो हो रहा है
षड्यंत्र विरोधी का
बच्चों की हत्या या फिर
आतंक महाबोधि का
नौकर हो या हो अफसर
या राजनेता कोई
अगर है वो अपराधी
तो संकोच फिर है कैसा
मुबारक हो तुमको ही तुम्हारे
मुआवजे का पैसा
जिसने किया उपद्रव
उसका क्यूँ महिमामंडन
क्या मूक बधिर हो तुम
सुनते नहीं जो क्रंदन .....
अपराधी तो अपराधी
क्या सेक्युलर क्या कोमुनल
हो जो भी वो कुकर्मी
पहले करो तुम दंडित
कुतर्क देना छोड़ो
वो दलित हो या हो पंडित
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