18 July, 2013

दायित्व


दायित्व से अपने तुम 
कंधा चुराते चलना 
करना बयानबाजी 
खेद शोक व्यक्त करना 
कहना जो हो रहा है 
षड्यंत्र विरोधी का 
बच्चों की हत्या या फिर 
आतंक महाबोधि का  

नौकर हो या हो अफसर 
या राजनेता कोई 
अगर है वो अपराधी 
तो संकोच फिर है कैसा 
मुबारक हो तुमको ही तुम्हारे 
मुआवजे का पैसा
 
जिसने किया उपद्रव  
उसका क्यूँ  महिमामंडन  
क्या मूक बधिर हो तुम 
सुनते नहीं जो क्रंदन .....

अपराधी तो अपराधी 
क्या सेक्युलर क्या कोमुनल 
हो जो भी वो कुकर्मी 
पहले करो तुम दंडित 
कुतर्क देना छोड़ो 
वो दलित हो या हो पंडित 

 




 
 









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