26 July, 2013

छत्तीस का आँकड़ा

जब भूख पेट को जला रही हो
आंकड़े देश को चला रही हो
ऐसे में सच बस इतना है
फ़र्क नहीं पड़ता इनको
तुम भूखे हो या प्यासे
आओ मिलकर देखें हम
डेमोक्रेसी के तमाशे

एक पांच और बारह हो
हो सताईस या तैंतीस
एक आँकड़ा है ऐसा
हम जिसको कहते छत्तीस
यही मात्र वो आँकड़ा है
जो जनता सरकार को बाँटे
गूलाब तेरी गेहूँ भी तेरा
हिस्से हमारे बस काँटे

भूख तो बस होता सेक्युलर है
क्या हम बस आँकड़े खायें
तुम्ही बतादो  जादूई जगह वो
जहाँ हम अपनी भूख मिटायें





 

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