31 July, 2013

अस्तित्व की लड़ाई

दैनिक संघर्ष,स्याह चेहरे
आजीविका  की जद्दोजहद 
से परिभाषित अस्तित्व की  लड़ाई (struggle for existence)
जो हमारी दिनचर्या का अहम हिस्सा है
 वस्तुतः विकाश से विनाश के
६५ वर्षीया यात्रा का ही तो किस्सा है 

 डार्विन होते तो शायद वो भी घबराते
अगर वर्तमान में भारत भ्रमण को आते
देखते की ये कृत्रिम अस्तित्व की लड़ाई
राजनैतिक दीवालियेपन की पराकाष्ठा  है
और बस एक राग डेमोक्रेसी में हमारी आस्था है
चुनौती ये की इस लड़ाई में
कोई सर्वश्रेष्ठ और योग्य भी नहीं बच पाता है
प्रश्न अनायास मानस पटल पर उभर आता है
 की क्या सच में ´भारत भाग्य विधाता है´?


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