27 July, 2013

ये यात्रा अनोखी जीवन की दास्ताँ है


















कुछ तो विचार होंगे
गतिमान जिंदगी है
कोई विशाल लक्ष्य होगा
अनजान जिंदगी है
हम तो हैं मात्र राही
चलते हैं हर डगर पर
कुछ परिचित सी राहें
कभी अनजान किसी सफ़र पर
ये यात्रा अनोखी जीवन की दास्ताँ है
कभी अकेला मैं हूँ कभी तो कारवां है
अनुभूति जो ह्रदय में
अनुभव मिला जुला है
कभी रहा अकेला
कभी हमसफ़र मिला है
बाहर की यात्रा हो
या अंतर्मन का जो भ्रमण है
मिला स्नेह पथ पे जिनसे 
उन सब को मेरा नमन है





No comments:

Post a Comment