डोंट वरी
आ गया फिर २६ जनवरी
आ गया फिर २६ जनवरी
राष्ट्र के नाम समर्पित एक और दिन नही महज
ये हमारे गरिमा का पर्व है
क्या आपको इस बात का गर्व है
माना हैं विसंगतिया बहुत
और समस्याओं का भी पुलिंदा है
पर क्या आपके हृदय में वो हिन्दुस्तानी जिंदा है
टटोलिये अपने अंतरात्मा को
बहुत बकवास करता है साला
उसको चुप कराइए और दीजिये सख्त निर्देश
की हर हाल में पहले देश आता है
ये सवाल है ही नहीं की कोई इस पर्व को क्यूँ मनाता है.
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