21 January, 2009

तुम मुझे इस कदर याद आने लगी हो ...................


तुम मुझे इस कदर याद आने लगी हो

ख्वाबों में यूँ आके छाने लगी हो

की तुम ही तुम मेरे ख्यालों में हो

जवाबों में हो तुम सवालों में हो

जहाँ भी मैं देखूं तुम्हारा ही चेहरा

लगाऊं में कैसे निगाहों पे पहरा

जो कहती हो तुम की यही प्यार है

मुझे भी कहाँ इससे इनकार है

चलो फिर चलें हम क़दम को मिलाकर

खुश हूँ में यूँ तेरा प्यार पाकर

तुम आई तो ऐसा लगा मेरे मन को

पा लिया जैसे मैंने हर खुशी एक क्षण को

मुझे क्या पता था जो सपना था मेरा

उसको मिलेगा तुम्हरा ही chehra

तुम्हारे क़दम से खुशी आ गई है

यूँ लगता है जैसे जिन्दगी आगई है .


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