मेरे दोस्तों में तुम सबसे अलग हो
क्योंकि तुम्हारे दोस्ती का अंदाज़
ही निराला है 
दिखाते हो तुम की तुम्हारे वजह से 
लोगों का अस्तित्व है 
सीमायें तय करते हो तुम 
देखना कहीं तुम्हारी धूर्तता 
तुम्हे न करदे ghutna  टेकने पे मजबूर 
भूलना नही की तुम भगवन नही 
कब तक करते रहोगे लोगो का अपमान 
जानता हु मैं तुम हिन् भावना के शिकार हो 
एक दिन हिसाब सारे देने होंगे तुम्हे
तब शायद मेरे कंधे की जरूरत हो 
ध्यान से देखना मुझे वहां पाओगे 
क्या हुआ जो हर वक्त किया जलील मुझे 
और बनाया मोहरा 
सवाल इतने हैं की जवाब न दे पाओगे. 
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