27 January, 2009

एक बीज लगाना है आँगन में दिल के तेरे .................................


एक बीज लगाना है आँगन में दिल के तेरे

बिस्वास मुझको है ये तुम ना नही कहोगी

जानती हो रस्ते कठिन हैं बड़े मेरे

मंजिल का नहीं मुझको आभास भी जरा सा

जो प्यार तेरा मुझको मिल जाए इस सफर में

तो कुछ भी नहीं ऐसा जो पा नहीं सकूंगा

तुम सोंचती हो क्या, मुझे एहसास नही इसका

पर लगता है क्यूँ ऐसा की प्यार तुमको भी है

तुम आए हो तो मुझको लगने लगा है ऐसा

सपने जो हैं अधूरे वो पुरे हो सकेंगे

मिलके जो चाहें हम तो छुलेंगे आसमा को

स्वीकार करो मेरा तुम प्यार मुस्कुराकर

जो भीड़ में हमेश खोई सी तुम रहती हो

इजहार करो इसका अब पास मेरे आकर .






No comments:

Post a Comment

Apna time aayega